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Root chakra bracelet: adorned with red stones like garnet, it symbolizes grounding, stability, and vitality, fostering a balanced life energy.
मूलाधार चक्र ब्रेसलेट: लाल पत्थरों से सजीव, यह भूमि को प्रतिष्ठानित करता है, स्थिरता और ऊर्जा को बढ़ावा देता है।
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Natural Certified Red Jasper Bracelet
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The Root Chakra bracelet, often adorned with quality red stones like garnet, aims to enhance grounding and stability. It is believed to stimulate the Muladhara Chakra, fostering a balanced life force. By wearing this bracelet, individuals seek increased vitality, endurance, and a sense of security. The stones are chosen for their grounding properties, promoting a connection with Earth’s energies. Many wearers find benefits in improved self-confidence, a stable mindset, and overall well-being. Whether used for spiritual practices or as a stylish accessory, the Root Chakra bracelet symbolizes a commitment to maintaining equilibrium and harmony in one’s life”
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रूट चक्र (Root Chakra) को संस्कृत में ‘मूलाधार चक्र’ भी कहा जाता है, और यह शरीर के नीचे के हिस्से में स्थित होता है। यह चक्र मूल तत्वों, सुरक्षा, स्थिरता, और आत्मा के बिना जीवन को समर्थन करने का केंद्र होता है। यहाँ कुछ मुख्य गुण और लाभों की चर्चा की गई है:
मूलाधार चक्र की गुणधर्म:
आत्म-रक्षा (Self-Preservation): मूलाधार चक्र आत्म-रक्षा और सुरक्षा की भावना को प्रमोट करता है। यह व्यक्ति को अपने आत्म-स्वीकृति और आत्म-प्रेम की महत्वपूर्णता को समझने में मदद करता है।
स्थिरता (Stability): मूलाधार चक्र व्यक्ति को आत्मा का मूलभूत स्वरूप और उनके जीवन के आधारभूत मूल्यों के साथ मिलाकर स्थिरता प्रदान करता है।
भूमि (Grounding): यह चक्र व्यक्ति को पृथ्वी से जुड़ने और भूमि पर स्थित रहने की भावना प्रदान करता है, जिससे उन्हें जीवन के साथ संबंधित स्थितियों में सुरक्षा का अहसास होता है।
उत्तेजना (Vitality): मूलाधार चक्र के सुषुम्णा नाड़ी से ऊर्जा का वितरण होता है, जिससे व्यक्ति में ऊर्जा और जीवनशक्ति बढ़ती है।
मूलाधार चक्र के लाभ:
आत्म-समर्थन: यह चक्र व्यक्ति को आत्म-समर्थन और स्वाधीनता की भावना देता है।
भौतिक स्वास्थ्य: सुषुम्णा नाड़ी से होने वाली ऊर्जा से यह चक्र शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है।
स्थिरता और संतुलन: मूलाधार चक्र व्यक्ति को जीवन के सभी पहलुओं में स्थिरता और संतुलन की अनुभूति कराता है।
भूमि रहना: यह चक्र व्यक्ति को अपने मूलों से जुड़ा हुआ महसूस कराता है, जिससे उनमें संतुलन और भूमिता बनी रहती है।
आत्म-प्रेम और आत्म-प्रेम: मूलाधार चक्र व्यक्ति को अपने आत्मा के साथ मेल जोड़ने और आत्म-प्रेम की भावना को बढ़ावा देता है।
यदि कोई व्यक्ति मूलाधार चक्र के संतुलन में कमी महसूस कर रहा है, तो वह योग, मेडिटेशन, और चक्र साधना के माध्यम से इसे सुधार सकता है।”
Specifications
REDJ001-FX
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121.4 Cts.
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